Ghazal : tum mili manjil mila ..
तुम मिलि मन्जिल मिला, खुदा से क्या शिकायत करूँ !
मेरे सारी दुनियाँ तुम हो, तुम्हारे ही इबादत करूँ !! तुम ही मेरी चाहत मे हो, तुम ही मेरी आदत बन गई, ईस्क-ए-जान हो तुम तुम्हि से ही शरारत करूँ ! जन्नतकी तुम चाँदनी हो, पल्को मे हे तेरे ही सा़या तु भी मुझ मे फना हो जा, मोहब्बत ऐसी करामत करूँ ! साथ-साथ रहेंगे हम, ईन लम्हों में सदियों तक, दुवा मेरी वादा मेरा, जिन्दगी तेरी अमानत करूँ ! दूर कहीं हो न जाना, तिश्नगी ए जला न जायें खुदा करे ऐसी रहेम, सब कुछ तुम पर इनायत करूँ !! -Hamal "express" |
ahchi kosish hai hamal sahab, yunhi aate rahiye....!!
|
Quote:
|
All times are GMT +5.5. The time now is 09:39 AM. |
Powered by vBulletin® Version 3.8.5
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.