Shayri.com

Shayri.com (http://www.shayri.com/forums/index.php)
-   Shayri-e-Ishq (http://www.shayri.com/forums/forumdisplay.php?f=2)
-   -   Ghazal: तुम मिलि मन्जिल मिला.. (http://www.shayri.com/forums/showthread.php?t=75149)

hamalexpress 19th November 2012 07:38 PM

Ghazal: तुम मिलि मन्जिल मिला..
 
तुम मिलि मन्जिल मिला, खुदा से क्या शिकायत करूँ !
मेरे सारी दुनियाँ तुम हो, तुम्हारे ही इबादत करूँ !!

तुम ही मेरी चाहत मे हो, तुम ही मेरी आदत बन गई,
ईस्क-ए-जान हो तुम तुम्हि से ही शरारत करूँ !

जन्नतकी तुम चाँदनी हो, पल्को मे हे तेरे ही सा़या
तु भी मुझ मे फना हो जा, मोहब्बत ऐसी करामत करूँ !

साथ-साथ रहेंगे हम, ईन लम्हों में सदियों तक,
दुवा मेरी वादा मेरा, जिन्दगी तेरी अमानत करूँ !

दूर कहीं हो न जाना, तिश्नगी ए जला न जायें
खुदा करे ऐसी रहेम, सब कुछ तुम पर इनायत करूँ !!


-हमाल "express"


All times are GMT +5.5. The time now is 09:47 AM.

Powered by vBulletin® Version 3.8.5
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.