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Firoz Sayyad 25th October 2018 02:51 PM

Barishka Mausam
 
क्या वह अहसास था, एक अजीबसी चाहत हो जैसे
बदल यही गरजते थे, जैसे सारा आसमान भर आया था
ठंडी हवाकि लहरे, लहरोंमें यही दिलका मचलना
टपकती बुँदे, बूंदोंका टपकना जैसा किसीका मुस्कुराना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

एक एक बुंदका, बदनसे सिमटना जैसे दोहरी जिंदगी
एक नयापन, एक नया अंदाज़, एक नया अहसास
बारिशने भिगो दिया, जैसे सारी कायनात भीगे जा रही हैं
पनिका उमड़ना, जैसे ज़ारनोका बहते रहना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

फूलोंसे पत्तोंसे वह बूंदोंका सिमटना, रात की अँगड़ाईयोंमें चमकीले अजूबे
हवाकि लहरोंसे बूंदोंका फिसलना, जमीमे सिमटना
क्या यह अंदाज़ हैं, सारी कयनात्सी महक रही हो
यही ख्याल आये, यह बाहता पानी किसे जाकर मिले
खयालमें उमड़ना, यही वही दुनियामें खोये हुए रहना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

सारी दुनियाको भिगो दिया, बहते हुए रास्तो का पानी
हर चेहरेपे खुशियाली और, जैसे छाई हुई मुस्कराहटे
यह भी एक उसकी करमतसी, जिसने इसे बना दिया
हर मौसम का एक मौसम, बारिश का मौसम
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

-- फ़िरोज़ सय्यद

Phoenix 30th October 2018 11:11 AM

Bohot khub.....firoz ji

Sukhe jameen ki jo dard hai wo baadal hi samajhta hai......Bund bund paani se bhigoke fir se hariyali le aata hai....

sameer'shaad' 7th November 2018 05:08 PM

Quote:

Originally Posted by Firoz Sayyad (Post 496702)
क्या वह अहसास था, एक अजीबसी चाहत हो जैसे
बदल यही गरजते थे, जैसे सारा आसमान भर आया था
ठंडी हवाकि लहरे, लहरोंमें यही दिलका मचलना
टपकती बुँदे, बूंदोंका टपकना जैसा किसीका मुस्कुराना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

एक एक बुंदका, बदनसे सिमटना जैसे दोहरी जिंदगी
एक नयापन, एक नया अंदाज़, एक नया अहसास
बारिशने भिगो दिया, जैसे सारी कायनात भीगे जा रही हैं
पनिका उमड़ना, जैसे ज़ारनोका बहते रहना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

फूलोंसे पत्तोंसे वह बूंदोंका सिमटना, रात की अँगड़ाईयोंमें चमकीले अजूबे
हवाकि लहरोंसे बूंदोंका फिसलना, जमीमे सिमटना
क्या यह अंदाज़ हैं, सारी कयनात्सी महक रही हो
यही ख्याल आये, यह बाहता पानी किसे जाकर मिले
खयालमें उमड़ना, यही वही दुनियामें खोये हुए रहना
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

सारी दुनियाको भिगो दिया, बहते हुए रास्तो का पानी
हर चेहरेपे खुशियाली और, जैसे छाई हुई मुस्कराहटे
यह भी एक उसकी करमतसी, जिसने इसे बना दिया
हर मौसम का एक मौसम, बारिश का मौसम
बारिश हो रही हैं, जमिनको भिगो रही हैं

-- फ़िरोज़ सय्यद


bahot khoob...............

likhte rahiye

Shaad...


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