अब कोई भी शह सताती नहीं
अब कोई भी शह सताती नहीं भूली कोई बात याद आती नहीं l जो गुज़र रही है वही तो हकीक़त है ज़िन्दगी झूठे ख्वाब दिखाती नहीं l राह-ए-मंजिल पे चलना ही नसीब है मंजिल खुद-ब –खुद पास आती नहीं l साया कुछ इस कदर से बिछड़ा है मुझसे के अब कोई भी तरकीब काम आती नहीं l सुकूं के लिए उम्र भर भटकते रहे, मगर जो पास है उसपे कभी नज़र जाती नहीं l वक़्त के साथ चलना ही मुनासिब है “यश” समझ में ये बात वक़्त रहते आती नहीं l (जसपाल ) Baghbaan |
Bahot khoob jaspaalji...................
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Quote:
Bhut Bhut Shukriya Madhu Ji. Jaspal |
Waaahhhh .......................... Bahaut Khoob
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