हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
जिसमें न धुंआ हो वो आग बन गए उगते रहे हैं शूल भी सीने की जमीं से जबसे तुम मेरे दिल के गुलाब बन गए अब देखना दुनिया को न हो सका मुमकिन तुम मेरी निगाहों पे नकाब बन गए हम आज तक छुपाते रहे राज ए मुहब्बत नजाने तुम किस तरह हमराज बन गए |
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हम आज तक छुपाते रहे राज ए मुहब्बत
नजाने तुम किस तरह हमराज बन गए........ Umdaa Kalaam Pesh Kiya Hai. Jazbaat nikal kar baahar aa rahe hain. Keep writing God Bless You.... |
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