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-   -   ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर.... (http://www.shayri.com/forums/showthread.php?t=80303)

ruchika 22nd February 2018 10:29 AM

ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....
 
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....
थक गयी हूँ तय करते करते यूँ सफर ...
कहीं तो थम …कहीं तो ठहर.....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

बीती जा रही है यूँ ही उम्र मेरी...
खोज में तलाश ऐ सुकन… राहत ऐ मर्ज़ की …
कुछ तो इसकी मदद कर....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

मिटती जा रही है लकीरें इन हाथों की...
बढ़ती जा रही है माथे की शिकन...
कुछ तो इन लक्कीरों की कद्र कर….
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

Madhu 14 20th March 2018 06:43 PM

Quote:

Originally Posted by ruchika (Post 496422)
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....
थक गयी हूँ तय करते करते यूँ सफर ...
कहीं तो थम …कहीं तो ठहर.....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

बीती जा रही है यूँ ही उम्र मेरी...
खोज में तलाश ऐ सुकन… राहत ऐ मर्ज़ की …
कुछ तो इसकी मदद कर....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

मिटती जा रही है लकीरें इन हाथों की...
बढ़ती जा रही है माथे की शिकन...
कुछ तो इन लक्कीरों की कद्र कर….
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

waah ruchika ji..zindi kahaan thamti hai kisike liye kab sabra karti hai....
likhti rahiye....

MANOJTANHA 15th April 2018 12:23 PM

Quote:

Originally Posted by ruchika (Post 496422)
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....
थक गयी हूँ तय करते करते यूँ सफर ...
कहीं तो थम …कहीं तो ठहर.....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

बीती जा रही है यूँ ही उम्र मेरी...
खोज में तलाश ऐ सुकन… राहत ऐ मर्ज़ की …
कुछ तो इसकी मदद कर....
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

मिटती जा रही है लकीरें इन हाथों की...
बढ़ती जा रही है माथे की शिकन...
कुछ तो इन लक्कीरों की कद्र कर….
ऐ ज़िन्दगी थोड़ा तो सब्र कर....

wah ruchika jee khu likha hai aapne

ruchika 4th June 2018 12:16 PM

Thank u Madhu ji n Manoj ji.... sukriya aapko pasand aayi...


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