some nursery rymes by sir allama iqbal
इस फूल पे बैठी , कभी उस फूल पे बैठी
बतलाओ तो, क्या ढूँढ़ती है शहद की मक्खी ?
क्यों आती है , क्या काम है गुलजार में उसका ?
ये बात जो समझाओ तो समझें तुम्हे दाना
चहकारते फिरते हैं जो गुलशन में परिन्दे
क्या शहद की मक्खी की मुलाकात है उनसे ?
आशिक है ये कुमरी की , कि बुलबुल की है शैदा ?
या खींच के लाता है इसे सैर का चसका ?
दिल बाग़ की कलियों से तो अटका नहीं इसका ?
भाता है इसे उनके चटखने का तमाशा ?
सबज़े से है कुछ काम कि मतलब है सबा से ?
या प्यार है गुलशन के परिन्दों की सदा से ?
भाता है इसे फूल पे बुलबुल का चहकना ?
या सरो पे बैठे हुए कुमरी का ये गाना ?
पैग़ाम कोई लाती है बुलबुल ज़बानी ?
या कहती है ये फूल के कानों में कहानी ?
क्यों बाग में आती है , ये बतलाओ तो जानें ?
क्या कहने को आती है , ये समझाओ तो जानें ?
बेवजह तो आख़िर कोई आना नहीं इसका
होशियार है मक्खी इसे गाफ़िल न समझना
बेसूद नहीं , बाग़ में इस शौक से उड़ना
कुछ खेल में ये वक़्त गँवाती नहीं अपना
करती नहीं कुछ काम अगर अक़्ल तुम्हारी
हम तुमको बताते हैं , सुनो बात हमारी
कहते हैं जिसे शहद , वह एक तरह का रस है
आवारा इसी चीज़ की ख़ातिर ये मगस है
रखा है ख़ुदा ने उसे फूलों में छुपाकर
मक्खी उसे ले जाती है छत्ते में उड़ाकर
हर फूल से ये चूसती फिरती है उसी को
ये काम बड़ा है , इसे बेसूद न जानो
मक्खी ये नहीं है, कोई नेमत है ख़ुदा की
मिलता न हमें शहद , ये मक्खी जो न होती
इस शहद को फूलों से उड़ाती है ये मक्खी
इनसान की ये चीज़ ग़िज़ा भी है , दवा भी
कुव्वत है अगर इसमें तो है इसमें शिफ़ा भी
रखते हो अगर होश तो इस बात को समझो
तुम शहद की मक्खी की तरह इल्म को ढूँढ़ो
ये इल्म भी एक शहद है और शहद भी ऐसा
दुनिया में नहीं शहद कोई इससे मुसफ़्फ़ा
हर शहद से जो शहद है मीठा , वो यही है
करता है जो इनसान को दाना , वो यही है
ये अक़्ल के आईने को देता है सफ़ाई
ये शहद है इनसाँ की , वो मक्खी की कमाई
सच समझो तो इनसान की अजमता है इसी से
इस ख़ाक के पुतले को सँवारा है इसी ने
फूलों की तरह अपनी किताबों को समझना
चसका हो अगर तुमको भी कुछ इल्म के रस का
http://www.youtube.com/watch?v=M6AgLoAUvgY
ek aur kuch kuch yaad aa raha hai
par mil nahi rahi hai abhi....kuch aise hai
ik din kisi makkhi se ye kahne laga makDaa
is raah se hota hai guzar roz tumhara
agar kisike paas ho to zarur post kijiyega