14th December 2015, 03:58 PM
आरी मेरी ज़िन्दगी !
तू किसके लिए कातती है - मोह की पूनी......!!
- अमृता प्रीतम
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...
Last edited by sunita thakur; 8th January 2016 at 03:41 PM..
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