ये जो आँखों में हल्की चुभन सी है इसको तो ख़लि& -
4th August 2019, 11:10 AM
ये जो आँखों में हल्की चुभन सी है इसको तो ख़लिश का नाम न दो
तूफां में मिट्टी आयी है इसको गिरने दो तुम थाम न लो l
खुदगर्ज ज़माने में अक्सर लोगों की फितरत ऐसी है
अफ़सोस जुबां पे होता है और आँखों में कोई भी अश्क न हो l
चिंगारी ख़लिश की छोटी ही हो “यश” उसमें तपिश ही होती है
इसमें जल जाते हैं रिश्ते भी तुम इसको ज़रा सी भी शह तो न दो l
(जसपाल)
Baghbaan
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