Ek Gazal -
1st February 2019, 12:34 PM
मेरी तस्वीर बनाने की जो धुन है तुमको,
क्या उदासी के खदो खाल बना पाओगे?
जो मुक़्क़दर ने मेरी सिमत उछाला था कभी,
मेरे माथे पे वही जाल बना पाओगे?
सर की दल दल में धंसी आँख बना सकते हो,
आँख में फैलते पाताल बना पाओगे?
ज़िन्दगी ने जो मेरा हाल बना छोड़ा है,
मेरी तस्वीर का वो हाल बना पाओगे ?
un se kar liya kinara unki khushi ki khatir
ab mujhe bewafa kahiye ya bawafa kahiye...(Raj)
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