Quote:
Originally Posted by solankialpesh
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
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bahot hi shaandaar peshkash, quoted aashar bahot ache lage, likhte rahen
Shaad........