दिल बहलता नहीं_मुहम्मदाली वफा -
11th January 2009, 08:52 AM
दिल बहलता नहीं_मुहम्मदाली वफा
कीसी औरकी बारात से दिल बहलता नहीं
खूशियोंकी खैरात से दिल बहलता नहीं
बरसनेके ज़मानेमें बरसते तो क्या होता?
बे मौसमी बरसात से दिल बहलता नहीं
कुछ और कहो,खूब कहो ,रंगभी नये हो
ये बे तूके ईरशाद से दिल बहलता नहीं
ये दिलकी घुंटन बढ गई दिदारसे तेरे
ये बे रूखीसी रात से दिल बहलता नहीं
अब तेरी कहानी बनी है शोरो शराबा
अब कीसीभी बात से दिल बहलता नहीं
11जनवरी2009
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