किस्मतका मारा है__मुहम्मदअली वफा
किस्मतका मारा है तन्हा ही छॉड दो.
ताजा जखम पाया है पिन्हा ही छोड दो
अब जुनु बढ गया है हद से भी आगे,
कपडॆ भी फाडता है ,नंगा ही छोड दो.
जलदी अगर करनी है तो सांस रोकलो,
मरके गर जीना है तो मरनाही छोड दो
मरहले आयेंगे कुछ जंगल बयांबां के,
ये ईशक के मर्जपे ढलना ही छोड दो.
उठ्ते रहेंगे धुएं तो दिलो,जिगरसे ,वफा,
मानलो ईस ईश्कमें जलानाही छोड दो