26th February 2016, 03:50 PM
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए,
फिर जीवन भर नहीं छूटता।
अतीत की स्मृतियों से
वह कभी रिक्त नहीं होता।
प्रेम की मृत्यु
हमारी आंशिक मृत्यु है।
हर बार प्रेम के मरने पर
हमारा एक हिस्सा भी
हमेशा के लिए मर जाता है।
-अमृता प्रीतम
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...
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