26th October 2017, 03:26 PM
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Originally Posted by silent-tears
हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
जिसमें न धुंआ हो वो आग बन गए
उगते रहे हैं शूल भी सीने की जमीं से
जबसे तुम मेरे दिल के गुलाब बन गए
अब देखना दुनिया को न हो सका मुमकिन
तुम मेरी निगाहों पे नकाब बन गए
हम आज तक छुपाते रहे राज ए मुहब्बत
नजाने तुम किस तरह हमराज बन गए
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wahhhhh........................bahut khoob
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...
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