Thread: Bhakti Sangeet
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ek pal
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ek pal is a jewel in the roughek pal is a jewel in the roughek pal is a jewel in the rough
 
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27th August 2010, 10:43 PM

ऐसा कुछ मत कीजिए, जिससे बढ़े तनाव।
सबको अपना मान कर, फैलाएँ सद्भाव।।

जप-तप, पूजा-पाठ से, मिटे नहीं संताप।
अनुरागी हो मन यदि, धुल जाए सब पाप।।

सद्भावों से फैलता, भाईचारा प्यार।
कदम बढ़ाकर देख लो, लोग सभी तैयार।।

सहज, सरल हो जिन्दगी, मन में उच्च विचार।
मुट्ठी में हो जाएगा, यह सारा संसार।।

दुर्लभ हो गए आजकल, अच्छे-सच्चे लोग।
मिल जाएँ तो मान लो, इसे सुखद संयोग।।

सदाचार, सत्कर्म का, रखते हैं जो ध्यान।
कहलाते वे संत जन, पाते जग में मान।।

करे भलाई जो सदा, वह सच्चा इंसान।
आलोकित करते सदा, उसका पथ भगवान।।

शील, विनय, संयम बिना, मानव है बेकार।
मान-शान की ज़िन्दगी, मिलती उसे उधार।।

आशा औ उत्साह की, फसल उगाएँ आज।
नैतिकता फूले-फले, सदा रहे ऋतुराज।।

मनुज-मनुज में प्यार हो, फैले स्नेह सुगंध।
आओ मिलजुल हम करें, ऐसा नव अनुबंध


SANDEEP KUMAR



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