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Registered User
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माँ जरा बताओ तो -
22nd April 2013, 05:54 PM
माँ जरा बताओ तो
मुझे किस तरह बड़ा कर पाओगी,
जब तक में बड़ी नहीं होती
मुझे किस-किस नज़र से बचाओगी,
माँ जरा बताओ तो
में किस से मुस्कुरा के मिलूँ,
और किस-किस से बतियाऊँ।
किस के पास बैठूं
और किस से दूरी बनाऊँ,
माँ जरा बताओ तो
मेरे ज़हन में तो कुछ भी नहीं,
मुझे तो बस खिलोने ही भाते हैं,
जो मेरे खेल का हिस्सा हो जाए
वो सब अपने से नज़र आते हैं,
माँ जरा बताओ तो
में वो नज़रें कहाँ से लाऊँ
जो शेतानों को पहचान सके,
इस मचलने फुदकने की उम्र में
लोगों के इरादे जान सके,
माँ जरा बताओ तो
मेरा होना क्या एक अपराध है,
जिस अपराध को तुम सबसे छुपओगी,
तुम ही तो कहती हो बच्चे भगवान् होते हैं,
फिर भगवान् को .. शेतानो से छुपाओगि ?
माँ जरा बताओ तो ......
- चाँद
Sachh bolne ka hausla to, hum bhi rakhte haiN lekin
Anjaam sochkar, aksar khaamosh hi reh jaate haiN.
- Chaand
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Main shayar to nahin.....
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Posts: 2,796
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Location: kanpur
Rep Power: 50
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22nd April 2013, 07:10 PM
beautifully expressed emotions....nice one..
एक हाथ में दिल उनके एक हाथ में खंजर था
चेहरे पे दोस्त का मुखौटा अजीब सा मंजर था
Arvind Saxena
Ph. No. 7905856220
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Anshumali
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Posts: 7,420
Join Date: Apr 2009
Location: DELHI (INDIA)
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22nd April 2013, 08:00 PM
Quote:
Originally Posted by Chaand
माँ जरा बताओ तो
मुझे किस तरह बड़ा कर पाओगी,
जब तक में बड़ी नहीं होती
मुझे किस-किस नज़र से बचाओगी,
माँ जरा बताओ तो
में किस से मुस्कुरा के मिलूँ,
और किस-किस से बतियाऊँ।
किस के पास बैठूं
और किस से दूरी बनाऊँ,
माँ जरा बताओ तो
मेरे ज़हन में तो कुछ भी नहीं,
मुझे तो बस खिलोने ही भाते हैं,
जो मेरे खेल का हिस्सा हो जाए
वो सब अपने से नज़र आते हैं,
माँ जरा बताओ तो
में वो नज़रें कहाँ से लाऊँ
जो शेतानों को पहचान सके,
इस मचलने फुदकने की उम्र में
लोगों के इरादे जान सके,
माँ जरा बताओ तो
मेरा होना क्या एक अपराध है,
जिस अपराध को तुम सबसे छुपओगी,
तुम ही तो कहती हो बच्चे भगवान् होते हैं,
फिर भगवान् को .. शेतानो से छुपाओगि ?
माँ जरा बताओ तो ......
- चाँद
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Kyaa Khoob ChiTr Khinche HaiN
Kyaa Andaaz E BayaaN Hai
Kyaa Ehsaas Nazm Hue HaiN
Pur Asar Prastuti ... Chaand JI !
Dilee Mubaaraqbaad !!!
YuuN Besabab Aansoo Aate NahiN
Lag Zaroor Koii Baat Dil Ko Rahii Hai ...
Fareb Kaa ChaDhtaa Bazaar Dekh
Insaaf Se Bastii Khaalii Ho Rahii Hai ...
---Naresh Mehra----
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Moderator
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Posts: 15,199
Join Date: May 2006
Location: Chandigarh (Mohali)
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22nd April 2013, 11:36 PM
Chaand ji ko hamara namaskaar.....arse baad aapko bazm meiN dekha behad accha lga...
aapki poetry behad nazuk ahsaas liye hue hai...bahut sachai hai es meiN...beti hona abhishaap ho gya hai aaj ke daur meiN...sharam mahsoos hoti hai apne samaaj par...!
aise hi likhtey rhiye aur bazm meiN haziri lagate rahiye.
god bless u
Quote:
Originally Posted by Chaand
माँ जरा बताओ तो
मुझे किस तरह बड़ा कर पाओगी,
जब तक में बड़ी नहीं होती
मुझे किस-किस नज़र से बचाओगी,
माँ जरा बताओ तो
में किस से मुस्कुरा के मिलूँ,
और किस-किस से बतियाऊँ।
किस के पास बैठूं
और किस से दूरी बनाऊँ,
माँ जरा बताओ तो
मेरे ज़हन में तो कुछ भी नहीं,
मुझे तो बस खिलोने ही भाते हैं,
जो मेरे खेल का हिस्सा हो जाए
वो सब अपने से नज़र आते हैं,
माँ जरा बताओ तो
में वो नज़रें कहाँ से लाऊँ
जो शेतानों को पहचान सके,
इस मचलने फुदकने की उम्र में
लोगों के इरादे जान सके,
माँ जरा बताओ तो
मेरा होना क्या एक अपराध है,
जिस अपराध को तुम सबसे छुपओगी,
तुम ही तो कहती हो बच्चे भगवान् होते हैं,
फिर भगवान् को .. शेतानो से छुपाओगि ?
माँ जरा बताओ तो ......
- चाँद
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...
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Zindagi Kaisee Hai Paheli
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Posts: 174
Join Date: Dec 2012
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23rd April 2013, 08:05 PM
Quote:
Originally Posted by Chaand
माँ जरा बताओ तो
मुझे किस तरह बड़ा कर पाओगी,
जब तक में बड़ी नहीं होती
मुझे किस-किस नज़र से बचाओगी,
माँ जरा बताओ तो
में किस से मुस्कुरा के मिलूँ,
और किस-किस से बतियाऊँ।
किस के पास बैठूं
और किस से दूरी बनाऊँ,
माँ जरा बताओ तो
मेरे ज़हन में तो कुछ भी नहीं,
मुझे तो बस खिलोने ही भाते हैं,
जो मेरे खेल का हिस्सा हो जाए
वो सब अपने से नज़र आते हैं,
माँ जरा बताओ तो
में वो नज़रें कहाँ से लाऊँ
जो शेतानों को पहचान सके,
इस मचलने फुदकने की उम्र में
लोगों के इरादे जान सके,
माँ जरा बताओ तो
मेरा होना क्या एक अपराध है,
जिस अपराध को तुम सबसे छुपओगी,
तुम ही तो कहती हो बच्चे भगवान् होते हैं,
फिर भगवान् को .. शेतानो से छुपाओगि ?
माँ जरा बताओ तो ......
- चाँद
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touching linesssssssssss
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Registered User
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Join Date: Jul 2002
Location: New Delhi
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23rd April 2013, 10:34 PM
shukriya DostoN, aap sabhi ko meri ye koshish pasand aayi.. jaankar khushi hui..
Sunita ji...koshish to rehti hai kuchh ahsaasoN parh or bayaaN kar sakooN yahaan aakar .. bas kabhi kalam saath nahi deti or kabhi .. waqt.
Shukriya ek baar phir tahe dil se aap sabhi ka.
Sachh bolne ka hausla to, hum bhi rakhte haiN lekin
Anjaam sochkar, aksar khaamosh hi reh jaate haiN.
- Chaand
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Tere Intzaar Mein....
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Posts: 1,181
Join Date: Feb 2010
Location: Ludhiana(Punjab)
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24th April 2013, 08:23 AM
Quote:
Originally Posted by Chaand
माँ जरा बताओ तो
मुझे किस तरह बड़ा कर पाओगी,
जब तक में बड़ी नहीं होती
मुझे किस-किस नज़र से बचाओगी,
माँ जरा बताओ तो
में किस से मुस्कुरा के मिलूँ,
और किस-किस से बतियाऊँ।
किस के पास बैठूं
और किस से दूरी बनाऊँ,
माँ जरा बताओ तो
मेरे ज़हन में तो कुछ भी नहीं,
मुझे तो बस खिलोने ही भाते हैं,
जो मेरे खेल का हिस्सा हो जाए
वो सब अपने से नज़र आते हैं,
माँ जरा बताओ तो
में वो नज़रें कहाँ से लाऊँ
जो शेतानों को पहचान सके,
इस मचलने फुदकने की उम्र में
लोगों के इरादे जान सके,
माँ जरा बताओ तो
मेरा होना क्या एक अपराध है,
जिस अपराध को तुम सबसे छुपओगी,
तुम ही तो कहती हो बच्चे भगवान् होते हैं,
फिर भगवान् को .. शेतानो से छुपाओगि ?
माँ जरा बताओ तो ......
- चाँद
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hr ek lafz me sachhai hai..............
waaaaaaahhhh bahut sundarrrrrrr
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