Insaani zindagi ki aakhiri sachchai...
Khoob bayaN ki hai aapne
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Originally Posted by Dard-e-sush
था मे नींद मे और मुझे इतना सजाया जा रहा था...
बढ़े ही प्यार से मुझे नहलाया जा रहा था...
न जाने था वो कौनसा अजब खेल ?? मेरे घर मे...
बच्चो की तरह मुझे कंधो पे उठाया जा रहा था...
था पास मेरे मेरा हर अपना उस वक़्त...
फिर भी मे हर किसी के मुह से बुलाया जा रहा था...
जो कभी देखते भी न थे मुहब्बत की नज़र से...
उनके दिल से भी प्यार मुझ पर लौटाया जा रहा था...
मालूम नही हैरान था हर कोई मुझे सोता देख कर ???
ज़ोर-ज़ोर से रोकर मुझे हँसाया जा रहा था....
कांप उठी मेरी रूह !!!! मेरा वो मकान देख कर...
पता चला मुझे दफनाया जा रहा था...
रो पढ़ा फिर मे भी अपना वो मंज़र देख कर...
जहा मुझे हमेशा के लिए सुलाया जा रहा था
Court-unknown
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