वो जो आंटा गूंथते हुए
चूल्हे को फूंकते हुए
दिखाई देती है
पढना चाहती थी
एक किताब भी लायी थी
घर से अपने साथ छिपाकर
पर आज उसी किताब के पन्नें
फाड़ फाड़ के डालती है
चूल्हे की आग बढ़ाने के लिए.......
एक हाथ में दिल उनके एक हाथ में खंजर था
चेहरे पे दोस्त का मुखौटा अजीब सा मंजर था
वो जो आंटा गूंथते हुए
चूल्हे को फूंकते हुए
दिखाई देती है
पढना चाहती थी
एक किताब भी लायी थी
घर से अपने साथ छिपाकर
पर आज उसी किताब के पन्नें
फाड़ फाड़ के डालती है
चूल्हे की आग बढ़ाने के लिए.......
वो जो आंटा गूंथते हुए
चूल्हे को फूंकते हुए
दिखाई देती है
पढना चाहती थी
एक किताब भी लायी थी
घर से अपने साथ छिपाकर
पर आज उसी किताब के पन्नें
फाड़ फाड़ के डालती है
चूल्हे की आग बढ़ाने के लिए.......
Aru bhai....wahhhhh...kya khoob kaha aapne, badi saadgi se etni badi baat keh di.
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...