*रोटी का चाहिये , न मुझे घर का चाहिये *
*लेकिन मुझे हिसाब, कटे सर का चाहिये *
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*कमतर से दोस्ती मे शिकायत नहीं मुझे*
*दुश्मन तो मगर मुझको,बराबर का चाहिये *
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*ऐसी लहर उठाये जो दुनिया को हिला दे *
*दर्जा अगर किसी को , समन्दर का चाहिये*
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*बदला है क्या बताओ, संभलने के वास्ते *
*हमको सहारा आज भी, ठोकर का चाहिये *
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*उनसे कहो कि हमको बुलाया नहीं करें *
*जिनको तमाशा मंच पे , जोकर का चाहिये*
.......................................dr. Uday Mani.............................................
regards
manu