तारिखें (२०-०७-२०००) -
7th February 2009, 11:30 AM
तारिखें (२०-०७-२०००)
सपनो की बात करते
सपनो मे खो गये
नींद आई भी नही थी
मगर सो गये
खवाब आया
के तुम आई
कुछ मुस्काई
कुछ घबराई
धीरे- धीरे
चोरी चोरी
सांसो की सांसो से
मिलती डोरी
आंखो मे भर
लजाकत अपनी
और
संग लाई
एक तुफ़ान सा
अपनी सांसो मे
अपनी आंखो मे
अपनी बाहों मे
अपनी जुल्फ़ो मे
लिपटाये हुए रात काली
बडी मतवाली
चन्द्र झलक लिये
चंदनी से तरबतर
तुम आई
धीरे धीरे कदमो को
बढाती हुए
मेरे दिलो दिमाग पे छाते हुए
मेरी रग रग मे
नशा बरपाते हुए
तुम आई
मेरे दिल मे
स्वपन सजाते हुए
अपने होठो को
मेरे होठो पे लाते हुए
अपनी अंगुलियो से
मुझे सहलाते हुए
अपनी आंखो मे
मुझे डुबाते हुए
अपनी सांसो मे
मुझे मिलाते हुए
तुम आई
पुर्ण आलिंगन मे
तभी अचानक
टुट गया स्वपन
और
किया अहसास
मैने पहली बार
तेरे आलिंगन का
जो सच था
स्वपन नही
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