Tum -
12th October 2013, 12:39 AM
DEAR FRIENDS ,
Ek baar phir aapse apni ek rachna share kar rahi hoon. Please bataiyega ki apko kaisi lagi. Mujhe bahut khushi hogi.
आज फिर
तुम
घिर आये
घनघोर घटा से ....
मन के
आसमान पर ,
उमड़ - घुमड़
कर बरसे
और मैं
भीगी देर तक
आंसुओं की बरसात में .
आज फिर
तुम
बिजली बन चमके .....
मन के
घनघोर तिमिर में
और मैं
बार - बार जली ,
तुम्हारी
आहटों के स्पर्श से .
आज फिर
तुम
दहकते रहे .....
मीठी सी आग बनकर
मन के
ठन्डे आँगन में
और मैं
सुलगती रही
गीली लकड़ी सी
धुआं - धुआं .
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