हर आंख के दरख्त पर शाखे है तेरी -
22nd September 2009, 09:49 PM
हर आंख के दरख्त पर शाखे है तेरी
अब खिल गये है फूल मेरी चाहत के.
--------------------------------------------------------------
नज़र से मेरे वक्त का कारवां निकल गया हयात
आज फ़िर वक्त ने मेरे खिलाफ़ बिछाई है नई बिसात.
--------------------------------------------------------------
तेरे समाज के पेड से मैने तोडा प्यार का एक फूल
सारा समाज हिल गया क्या ये है प्यार की भूल.
Ajay Nidaan (09630819356)
http://www.anidaan.@gmail.com
All right reserved with Poet@Ajay nidaan
Kisi ek chehare ki talash me bhatakti rahee zindagi
par mila nahi zindagi ko apni pahchaan ka chehara.
|