Shayri.com  

Go Back   Shayri.com > Shayri > Shayri-e-Ishq

Reply
 
Thread Tools Rate Thread Display Modes
लगता है वो लड़की पागल है
Old
  (#1)
Azaz AHMAD
Registered User
Azaz AHMAD will become famous soon enough
 
Offline
Posts: 109
Join Date: Mar 2016
Location: Surat
Rep Power: 9
Love लगता है वो लड़की पागल है - 16th February 2017, 06:22 PM

छलकती आँखो का काजल है
धूप में राहत का एक बादल है
नाचती मचलती है पुरे गाँव में
लगता है वो लड़की पागल है

बातो से अपने करीब करती है
नखरे भी बडे अजीब करती है
वो पीछा भी नही छोड़ती मेरा
मेरे गले की वो जैसे साँकल* है
लगता है वो लड़की पागल है

वो दिन रात मुजको सताती है
अपनी सारी बाते मनवाती है
कुछ केह भी नही सकते उसे
हम तो उसके आगे कायल* है
लगता है वो लड़की पागल है

चेहरे पर तो चाँद की चाँदनी है
मगर अदा में उसकी सादगी है
घटाओ सी तो उसकी जुल्फें है
दरिया की लेहरो सा आँचल है
लगता है वो लड़की पागल है

मिर्ची से ज्यादा तीखे तेवर है
उसको अजीज अपने जेवर है
वो जमी से गर पाव भी उठाये
तो नाचती उसकी पायल है
लगता है वो लड़की पागल है

थिरकते थिरकते संभलती है
वो हवाओ के साथ चलती है
वो औरों को साया भी देती है
और वहीँ पेड़ों की बाकल* है

लगता है वो लड़की पागल है
लगता है वो लड़की पागल है



साकल -जंजीर
दरवाजे में लगाई जानेवाली जंजीर।
गहने की तरह गले में पहनने की चाँदी सोने की जंजीर

कायल - किसी के तर्क या विचार को ठीक समझकर मान लेने वाला।
बात का उत्तर न दे सकने के कारण चुप हो जानेवाला।
मुहावरा (किसी को) कायल करना अपने तरक से या समझा बुझा कर अपने अनुकूल करना।

बाकल - वल्कल; वृक्ष की छाल


..Azaz AHMAD..
"SHADEED"
   
Reply With Quote
Old
  (#2)
Madhu 14
Moderator
Madhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud ofMadhu 14 has much to be proud of
 
Madhu 14's Avatar
 
Offline
Posts: 5,211
Join Date: Jul 2014
Rep Power: 28
21st February 2017, 08:17 AM

Quote:
Originally Posted by Azaz AHMAD View Post
छलकती आँखो का काजल है
धूप में राहत का एक बादल है
नाचती मचलती है पुरे गाँव में
लगता है वो लड़की पागल है

बातो से अपने करीब करती है
नखरे भी बडे अजीब करती है
वो पीछा भी नही छोड़ती मेरा
मेरे गले की वो जैसे साँकल* है
लगता है वो लड़की पागल है

वो दिन रात मुजको सताती है
अपनी सारी बाते मनवाती है
कुछ केह भी नही सकते उसे
हम तो उसके आगे कायल* है
लगता है वो लड़की पागल है

चेहरे पर तो चाँद की चाँदनी है
मगर अदा में उसकी सादगी है
घटाओ सी तो उसकी जुल्फें है
दरिया की लेहरो सा आँचल है
लगता है वो लड़की पागल है

मिर्ची से ज्यादा तीखे तेवर है
उसको अजीज अपने जेवर है
वो जमी से गर पाव भी उठाये
तो नाचती उसकी पायल है
लगता है वो लड़की पागल है

थिरकते थिरकते संभलती है
वो हवाओ के साथ चलती है
वो औरों को साया भी देती है
और वहीँ पेड़ों की बाकल* है

लगता है वो लड़की पागल है
लगता है वो लड़की पागल है



साकल -जंजीर
दरवाजे में लगाई जानेवाली जंजीर।
गहने की तरह गले में पहनने की चाँदी सोने की जंजीर

कायल - किसी के तर्क या विचार को ठीक समझकर मान लेने वाला।
बात का उत्तर न दे सकने के कारण चुप हो जानेवाला।
मुहावरा (किसी को) कायल करना अपने तरक से या समझा बुझा कर अपने अनुकूल करना।

बाकल - वल्कल; वृक्ष की छाल


..Azaz AHMAD..
"SHADEED"
Beautiful poem azaz ji....

Likhte rahein......



अर्ज मेरी एे खुदा क्या सुन सकेगा तू कभी
आसमां को बस इसी इक आस में तकते रहे
madhu..
   
Reply With Quote
Old
  (#3)
Mujahid Ali
Registered User
Mujahid Ali will become famous soon enough
 
Offline
Posts: 387
Join Date: Feb 2016
Location: Mumbai
Rep Power: 9
21st February 2017, 12:19 PM

Quote:
Originally Posted by Azaz AHMAD View Post
छलकती आँखो का काजल है
धूप में राहत का एक बादल है
नाचती मचलती है पुरे गाँव में
लगता है वो लड़की पागल है

बातो से अपने करीब करती है
नखरे भी बडे अजीब करती है
वो पीछा भी नही छोड़ती मेरा
मेरे गले की वो जैसे साँकल* है
लगता है वो लड़की पागल है

वो दिन रात मुजको सताती है
अपनी सारी बाते मनवाती है
कुछ केह भी नही सकते उसे
हम तो उसके आगे कायल* है
लगता है वो लड़की पागल है

चेहरे पर तो चाँद की चाँदनी है
मगर अदा में उसकी सादगी है
घटाओ सी तो उसकी जुल्फें है
दरिया की लेहरो सा आँचल है
लगता है वो लड़की पागल है

मिर्ची से ज्यादा तीखे तेवर है
उसको अजीज अपने जेवर है
वो जमी से गर पाव भी उठाये
तो नाचती उसकी पायल है
लगता है वो लड़की पागल है

थिरकते थिरकते संभलती है
वो हवाओ के साथ चलती है
वो औरों को साया भी देती है
और वहीँ पेड़ों की बाकल* है

लगता है वो लड़की पागल है
लगता है वो लड़की पागल है



साकल -जंजीर
दरवाजे में लगाई जानेवाली जंजीर।
गहने की तरह गले में पहनने की चाँदी सोने की जंजीर

कायल - किसी के तर्क या विचार को ठीक समझकर मान लेने वाला।
बात का उत्तर न दे सकने के कारण चुप हो जानेवाला।
मुहावरा (किसी को) कायल करना अपने तरक से या समझा बुझा कर अपने अनुकूल करना।

बाकल - वल्कल; वृक्ष की छाल


..Azaz AHMAD..
"SHADEED"
Bohat hi khoobsurat nazm hui hai janaab
Bohat achhe takhayyul se nawaaza hai

Yu hi likhte rahey


Kya ishaara karey ye hawaaiye
Gaur se sun zara tu sadaaiye

Khushk pattey bhi kehte bohat kuch
Shabnami phool jo keh na paaiye
   
Reply With Quote
Old
  (#4)
Qasid
Super Mod
Qasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant futureQasid has a brilliant future
 
Qasid's Avatar
 
Offline
Posts: 3,901
Join Date: Aug 2001
Location: Mumbai
Rep Power: 45
24th February 2017, 07:48 AM

Quote:
Originally Posted by Azaz AHMAD View Post
छलकती आँखो का काजल है
धूप में राहत का एक बादल है
नाचती मचलती है पुरे गाँव में
लगता है वो लड़की पागल है

बातो से अपने करीब करती है
नखरे भी बडे अजीब करती है
वो पीछा भी नही छोड़ती मेरा
मेरे गले की वो जैसे साँकल* है
लगता है वो लड़की पागल है

वो दिन रात मुजको सताती है
अपनी सारी बाते मनवाती है
कुछ केह भी नही सकते उसे
हम तो उसके आगे कायल* है
लगता है वो लड़की पागल है

चेहरे पर तो चाँद की चाँदनी है
मगर अदा में उसकी सादगी है
घटाओ सी तो उसकी जुल्फें है
दरिया की लेहरो सा आँचल है
लगता है वो लड़की पागल है

मिर्ची से ज्यादा तीखे तेवर है
उसको अजीज अपने जेवर है
वो जमी से गर पाव भी उठाये
तो नाचती उसकी पायल है
लगता है वो लड़की पागल है

थिरकते थिरकते संभलती है
वो हवाओ के साथ चलती है
वो औरों को साया भी देती है
और वहीँ पेड़ों की बाकल* है

लगता है वो लड़की पागल है
लगता है वो लड़की पागल है



साकल -जंजीर
दरवाजे में लगाई जानेवाली जंजीर।
गहने की तरह गले में पहनने की चाँदी सोने की जंजीर

कायल - किसी के तर्क या विचार को ठीक समझकर मान लेने वाला।
बात का उत्तर न दे सकने के कारण चुप हो जानेवाला।
मुहावरा (किसी को) कायल करना अपने तरक से या समझा बुझा कर अपने अनुकूल करना।

बाकल - वल्कल; वृक्ष की छाल


..Azaz AHMAD..
"SHADEED"
Azaz miyaan bahut saadgi se aapne ehsaason ko alfaaz diye hai khoobsurat...yunhi likhte rahiye



Qasid


___________________________________________

नाम-ए-वफ़ा की जफ़ा बताएं
क्या है ज़हन में क्या बोल जाएँ

रफ़्तार-ए-दिल अब थम सी गयी है
'क़ासिद' पर अब है टिकी निगाहें
  Send a message via Yahoo to Qasid Send a message via AIM to Qasid  
Reply With Quote
Old
  (#5)
sameer'shaad'
~$uper M0der@tor~
sameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.comsameer'shaad' is the among the best Shayars at Shayri.com
 
sameer'shaad''s Avatar
 
Offline
Posts: 8,417
Join Date: Feb 2006
Rep Power: 61
28th February 2017, 11:08 PM

Quote:
Originally Posted by Azaz AHMAD View Post
छलकती आँखो का काजल है
धूप में राहत का एक बादल है
नाचती मचलती है पुरे गाँव में
लगता है वो लड़की पागल है

बातो से अपने करीब करती है
नखरे भी बडे अजीब करती है
वो पीछा भी नही छोड़ती मेरा
मेरे गले की वो जैसे साँकल* है
लगता है वो लड़की पागल है

वो दिन रात मुजको सताती है
अपनी सारी बाते मनवाती है
कुछ केह भी नही सकते उसे
हम तो उसके आगे कायल* है
लगता है वो लड़की पागल है

चेहरे पर तो चाँद की चाँदनी है
मगर अदा में उसकी सादगी है
घटाओ सी तो उसकी जुल्फें है
दरिया की लेहरो सा आँचल है
लगता है वो लड़की पागल है

मिर्ची से ज्यादा तीखे तेवर है
उसको अजीज अपने जेवर है
वो जमी से गर पाव भी उठाये
तो नाचती उसकी पायल है
लगता है वो लड़की पागल है

थिरकते थिरकते संभलती है
वो हवाओ के साथ चलती है
वो औरों को साया भी देती है
और वहीँ पेड़ों की बाकल* है

लगता है वो लड़की पागल है
लगता है वो लड़की पागल है



साकल -जंजीर
दरवाजे में लगाई जानेवाली जंजीर।
गहने की तरह गले में पहनने की चाँदी सोने की जंजीर

कायल - किसी के तर्क या विचार को ठीक समझकर मान लेने वाला।
बात का उत्तर न दे सकने के कारण चुप हो जानेवाला।
मुहावरा (किसी को) कायल करना अपने तरक से या समझा बुझा कर अपने अनुकूल करना।

बाकल - वल्कल; वृक्ष की छाल


..Azaz AHMAD..
"SHADEED"


waaahhhh kyaa khoobsurat peshkash hai Azaz saahab..

lafzon ka maaynii bhi aapne bakhuubi samjhaaya hai... aate rahiye, likhte rahiye

Shaad.....


Shaad...
   
Reply With Quote
Old
  (#6)
Azaz AHMAD
Registered User
Azaz AHMAD will become famous soon enough
 
Offline
Posts: 109
Join Date: Mar 2016
Location: Surat
Rep Power: 9
6th April 2017, 08:45 AM

आप सभी लोगो का तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ....बहोत बहोत शुक्रिया आपका !!!
   
Reply With Quote
Reply

Thread Tools
Display Modes Rate This Thread
Rate This Thread:

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off

Forum Jump



Powered by vBulletin® Version 3.8.5
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
vBulletin Skin developed by: vBStyles.com