रिश्ते कुछ इस तरह निभाया करो
जंग अपनो से हो तो हार जाया करो
ग़मों को गुमराह कर दो मुस्कुरा कर
कभी दिल का पता न बताया करो
अपने शैतान को मारदोअपने अन्दर ही
गर इन्सान होतो इन्सान ही नुमाया करो
मर्यादा पुरुषोत्तम बन कर जीना है तो
नोकियां करो और भूल जाया करो
................ Rahnuma...............