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Originally Posted by ruchika
वो मेरी मासूम सी हंसी
वो मेरा नटखट सा चुलबुलापन
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तू ले गया साथ अपने
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वो मेरा अल्हड़पन
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वो मेरी शरारतें
वो मेरी प्यारी सी नादानियां
याद आती नहीं अब तेरे बाद
वो आँखों की शेतानियां
तेरे होने से
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यूँ ही आ जाती थी आँखों में चमक
तू जो गया तो
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आँखों का नूर ही ले गया
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तू खोया तो खो गया
कुछ सच्चा सा
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वो सब कुछ जो मुझमे था
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एक मासूम से बच्चे सा
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Awesome ji Ruchika ji
Aapko padhna hamesha hee achcha lagta hai....Aur aaj bhi apki kavita dil ke kareeb rahi...
Aati raha kariye...
TC
Madhu.