insaan ki pahachaan meri nazar se -
6th September 2009, 07:48 AM
सिर्फ़ सोच अच्छी होना ही काफ़ी नही है, उसके साथ वो किस दिशा से समाज मे अपना परिचय देती है, ये बात भी अहम है क्योकि सोचते तो सभी है मगर सोच का दायरा कितना बडा है, आपकी सोच मे दूरदर्शिता होनी चाहिये.
इन्सान का प्रभाव खुद उसके हाथ मे होता है कि वह औरो के बीच अपने आप को किस प्रकार से प्रस्तुत करता है इस बात का परिचय तो उसके काम करने के ढंग और सोच से समझ मे आ जाता है.
जो भी आप सोचते है नज़र की दिशा मे वही उतरता है तुम्हारी नज़र बनकर इसलिये कहते है जैसा दिखता है वैसा होता नही है.
आज कल के लोग अपने गिरेबान मे झांकते नही है क्योकि दूसरो को भी अपने जैसा समझने की मानसिकता ने इनकी सोच को संकुचित कर दिया है ऐसी सोच यदि आपकी है तो बदल दीजिये अपनी सोच को वरना किसी दिन वक्त ही आपको आईना दिखायेगा उस पल आपके पास अफ़सोस का भी वक्त नही होगा.
Ajay Nidaan (09630819356)
http://www.anidaan.@gmail.com
All right reserved with Poet@Ajay nidaan
Kisi ek chehare ki talash me bhatakti rahee zindagi
par mila nahi zindagi ko apni pahchaan ka chehara.
Last edited by ajay nidaan; 6th September 2009 at 08:07 AM..
|