वर्ण-पिरामिड (राजीव शर्मा "राज") -
28th September 2015, 04:50 PM
मैं
तेर
आँगन
की चिड़िया
बाबुल, एक
दिन सब छोड़
जाउंगी मैं बाबुल
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ना
मारों
कोख में,
तेरे घर
में खेलूंगी मैं,
उड़ जाउंगी मैं
बनकर चिड़िया
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है
मेरे
घर में
आती प्यारी
सी वो चिड़िया
खुशबू फैलाती
प्यारी सी वो चिड़िया
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है
हिंदी
हमेशा
भारत के
माथे का ताज
पूरे भारत की
अखण्डता का राज
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है
हिंदी
हमारी
पहचान
हिंदी से मिला
दुनियां भर में
भारत को सम्मान
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