एहसासों से बनती है चाहतों से मिलती है - मिना -
10th February 2024, 07:18 AM
एहसासों से बनती है चाहतों से मिलती है
रूह से रूह जुड़े तब कहीं मोहब्बत पनपती है
पावस की आस में चातक की मृगतृष्णा है
बरसी जो बूंदे तो पिपासा उसकी उतरती है
मयूरा नाचता है तो अश्रु मयूरी पीती है
पैरो की थिरकन से कहानी एक बनती है
कोयल की कुहू की दुनिया दीवानी है
काली सी रंगत की बोली मिष्ठी सी लगती है
कहीं रांझा भटकता है कहीं हीर तड़पती है
मोहब्बत हो तो सबकी आंखें बरसती है
अजीब किस्सा है अजब इसका फसाना है
एक इश्क की खातिर दुनिया तरसती है
"मीनाक्षी पाठक"©️®️
Anil Arora
Naulekahe par tere khoon ki boond hai,
Motiyo ki jagah par jada kaun hai,
Jiski khatir daga chandini se kare,
Puch suraj ki woh dilruba kaun hai?
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