ऐ ज़िन्दगी…. -
7th March 2019, 03:41 PM
राह-ए-उम्र के हर पड़ाव पर सोचते की …
बस अब ख़्वाहिशों का बोझ नहीं.. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी….
पर हर पल यूँ ही दौड़ती भागती..…
बिना थामे… क्यों समय सी…. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी…
यूँ चल-चल के क्यों थकती नहीं….
राहत-ए-वजूद ढूंढ़ती.. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी….
उम्र-ए-दराज़ की... हर मंज़िल को बखूबी पाने की ….
क्यों हसरत इतनी…. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी…
कभी आईने सी साफ दिखती… कभी कुछ बोझिल सी….
हर मोड़ पे…. एक नए सवाल सी…. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी….
कभी अपनी सी… कभी परायी सी……
क्यों बेरुखी इतनी….. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी….
क्यों बेरुखी इतनी ….. ऐ ज़िन्दगी…. ऐ ज़िन्दगी...
Mudattein hui… Mulakat hue….
Suno… Aie… Zindagi…..
Is bar jate jate….
Jara milti jana……
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