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जुल्फों में तेरी उंगलियां महसूस कर लेती हí -
1st October 2019, 09:18 PM
रुसवाइयों से खुद को बचाती रहती हूं मैं
लिख लिख के तेरा नाम मिटाती रहती हूं मैं,,,,,,,॥💙
भर जाती है आंखे रातों में खोकर नींदें अपनी
कुछ अश्क अपनी आंखों से गिरा देती हूं मैं,,,,,,,॥💜
महसूस करे गर्माहट मेंरे अश्कों की तू भी
तेरी तस्वीर को भीगी पलकों से लगा लेती हूं मैं,,,,,॥💛
मंजिल मेंरी बस तू ही तू , तो जाना कहीं क्यों और
तेरी जानिब अपने क़दमों को बढ़ा लेती हूं मैं,,,,,,,॥💚
कल रात तुमने ख्वाबों में बाहों में भरा था
हर पल तेरी खुशबू से महकती रहती हूं मैं,,,,,,,॥❤
तेरी जानिब से जो हवाएं तुझे छूकर के आई हैं
जुल्फों में तेरी उंगलियां महसूस कर लेती हूं मैं ,,,,,,,॥💚
तुमसे मिलने की एक उम्मीद पाले बैठी हूं
बेसब्र आंधियों में चरागे उम्मीद जलाए बैठी हूं मैं,,,,,,॥💙
दिन रौशन है रातें रौशन है तेरे नाम के उजालों से
ये दिल वफ़ाए आफताब से सजाए बैठी हूं मैं,,,,,,॥💜
Anil Arora
Naulekahe par tere khoon ki boond hai,
Motiyo ki jagah par jada kaun hai,
Jiski khatir daga chandini se kare,
Puch suraj ki woh dilruba kaun hai?
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