|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Aash
Offline
Posts: 18
Join Date: Mar 2013
Rep Power: 0
|
आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू... -
26th November 2016, 04:57 PM
आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू,
तु भी मुझसे वफ़ा करेगी जितनी मैं तुझसे वफ़ा करू,
रास्ते पे बिछाये हुए हर कांटे पे मैं चल जाऊंगा,
तु भी हिम्मत ना हारेगी, कभी जो मैं बिच में होंसला हारू ...
आसमान की बुलंदियों को छूना है,
जरुरत पड़े तो जलती आग में सुलगना है,
आशाओं का सुरज डुब जाये तो रुकना नहीं है,
उम्मीदों की नयी सुबह में फिर से उठना है,
राहों के हर मोड़ पे मैं खुद को संभालता जाऊंगा,
तु भी डगमगा ना जायेगी, कभी जो मैं गिर जाऊँ ...
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
|
|
|
|
|
Moderator
Offline
Posts: 5,211
Join Date: Jul 2014
Rep Power: 28
|
28th November 2016, 03:22 PM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू,
तु भी मुझसे वफ़ा करेगी जितनी मैं तुझसे वफ़ा करू,
रास्ते पे बिछाये हुए हर कांटे पे मैं चल जाऊंगा,
तु भी हिम्मत ना हारेगी, कभी जो मैं बिच में होंसला हारू ...
आसमान की बुलंदियों को छूना है,
जरुरत पड़े तो जलती आग में सुलगना है,
आशाओं का सुरज डुब जाये तो रुकना नहीं है,
उम्मीदों की नयी सुबह में फिर से उठना है,
राहों के हर मोड़ पे मैं खुद को संभालता जाऊंगा,
तु भी डगमगा ना जायेगी, कभी जो मैं गिर जाऊँ ...
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
|
Aapki ye ashavadi kavita bahot achchi rahi solanki ji .
Likhte rahein..
Aate rahein..
अर्ज मेरी एे खुदा क्या सुन सकेगा तू कभी
आसमां को बस इसी इक आस में तकते रहे
madhu..
|
|
|
|
|
~$uper M0der@tor~
Offline
Posts: 8,417
Join Date: Feb 2006
Rep Power: 61
|
29th November 2016, 09:05 PM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
|
bahot hi shaandaar peshkash, quoted aashar bahot ache lage, likhte rahen
Shaad........
|
|
|
|
|
Registered User
Offline
Posts: 387
Join Date: Feb 2016
Location: Mumbai
Rep Power: 9
|
30th November 2016, 07:38 AM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू,
तु भी मुझसे वफ़ा करेगी जितनी मैं तुझसे वफ़ा करू,
रास्ते पे बिछाये हुए हर कांटे पे मैं चल जाऊंगा,
तु भी हिम्मत ना हारेगी, कभी जो मैं बिच में होंसला हारू ...
आसमान की बुलंदियों को छूना है,
जरुरत पड़े तो जलती आग में सुलगना है,
आशाओं का सुरज डुब जाये तो रुकना नहीं है,
उम्मीदों की नयी सुबह में फिर से उठना है,
राहों के हर मोड़ पे मैं खुद को संभालता जाऊंगा,
तु भी डगमगा ना जायेगी, कभी जो मैं गिर जाऊँ ...
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
|
Bohat hi aala tareen nazm likha hai aapne solanki ji
Khaaksaar ki daad qubool farmaiye
Yuhi likhte rahiye
Dua ki darkhuwasth
Kya ishaara karey ye hawaaiye
Gaur se sun zara tu sadaaiye
Khushk pattey bhi kehte bohat kuch
Shabnami phool jo keh na paaiye
|
|
|
|
|
Super Mod
Offline
Posts: 3,901
Join Date: Aug 2001
Location: Mumbai
Rep Power: 45
|
30th November 2016, 09:59 AM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू,
तु भी मुझसे वफ़ा करेगी जितनी मैं तुझसे वफ़ा करू,
रास्ते पे बिछाये हुए हर कांटे पे मैं चल जाऊंगा,
तु भी हिम्मत ना हारेगी, कभी जो मैं बिच में होंसला हारू ...
आसमान की बुलंदियों को छूना है,
जरुरत पड़े तो जलती आग में सुलगना है,
आशाओं का सुरज डुब जाये तो रुकना नहीं है,
उम्मीदों की नयी सुबह में फिर से उठना है,
राहों के हर मोड़ पे मैं खुद को संभालता जाऊंगा,
तु भी डगमगा ना जायेगी, कभी जो मैं गिर जाऊँ ...
दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...
|
Bahut khoob daad qubool farmiyegaa
Qasid
___________________________________________
नाम-ए-वफ़ा की जफ़ा बताएं
क्या है ज़हन में क्या बोल जाएँ
रफ़्तार-ए-दिल अब थम सी गयी है
'क़ासिद' पर अब है टिकी निगाहें
|
|
|
Posting Rules
|
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts
HTML code is Off
|
|
|
Powered by vBulletin® Version 3.8.5 Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
vBulletin Skin developed by: vBStyles.com
|
|