Jine ki asha.....! -
23rd October 2010, 11:02 PM
जीने की आशा !!
मत डर की यहाँ हार और निराशा है ,
आगे बढ़कर देख यहाँ जीने की आशा है ॥
कितने ही सपने संजोये थे तुमने,
कुछ बनने की, कुछ पाने की
दिल में तुम्हारी भी चाहत थी,
क्या हुआ ! जो तुम राह से भटक गए
फिर से राह पर लौटने की,
अगर तेरे दिल में अभिलाषा है तो,
आगे बढ़कर देख यहाँ जीने की आशा है ॥
थक कर हार गए क्यूँ ,
जीवन थकने का नाम नहीं होता,
अरे, उठकर फिर से जो आगे बढ़ते है ,
जीवन में मंजिल उन्ही को मिलते हैं ।
निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन की परिभाषा है
आगे बढ़कर देख यहाँ जीने की आशा है ॥
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