काश मेरे हाथों में भी होता मौला...
इस तकदीर को... सँवारने का कुछ हुनर....
क्यूंकि लगता है... जैसे हर बार तेरी इबादत में....
मुझसे कहीं ना कहीं.. रह जाती है...शायद कुछ कसर...
Mudattein hui… Mulakat hue….
Suno… Aie… Zindagi…..
Is bar jate jate….
Jara milti jana……