ख़ुदग़र्ज़ है ज़माना आजकल का -
14th October 2015, 12:29 AM
दिल के हर पल करीब क्यूँ रहते हो,
बताओ जो चला गया जहाँ से तो क्या करोगे.!
बेहद ख़ुदग़र्ज़ है ज़माना आजकल का,
बीती यादों के सहारे ज़िंदगी कब तल्क जीयोगे.!!
तेरे दिल की तू ही जान मैं तो अपने दिल की जानता हूँ.!
तुझे होगी मुहब्बत किसी से मैं तुझे अपना रुब्ब मानता हूँ.!!
दिल के हर पल करीब क्यूँ रहते हो,
बताओ जो चला गया जहाँ से तो क्या करोगे.!
बेहद ख़ुदग़र्ज़ है ज़माना आजकल का,
बीती यादों के सहारे ज़िंदगी कब तल्क जीयोगे.!!
bahut khoob kaha.....
likhte rahein.....
aate rahein.......
अर्ज मेरी एे खुदा क्या सुन सकेगा तू कभी
आसमां को बस इसी इक आस में तकते रहे
madhu..