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Originally Posted by silent-tears
बिखरी ज़ुल्फ़ें और तब्बसुम लब पर ,
भूल *क्यों *जाता हूँ साजिश क्या है I
* * * * सर्द झोके किसी की याद के गुज़रे क्या हैं ,
* * * * भूल * क्यों * *जाता * हूँ *आतिश *क्या *है I
प्यासी आँखों को क्या देखा की उसमें डूब गया ,
भूल * *क्यों * * जाता * *हूँ * *बंदिश * क्या * है I
* * * * जिसने लूटा है दिल शायर उसी के आँचल में ,
* * * * भूल * *क्यों * *जाता * *हूँ * *गर्दिश * *क्या * *है I
रूबरू * उनके * बैठने * के * बाद ,
भूल क्यों *जाता हूँ रंजिश क्या है I*
by benaam shayar
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anil ji bahut khoobsurat ehsaas hai likhe hai likhne wale ne....hamare saath share karne ke liye shukriya