आदरणीय शायर मजाज जी के डायरी से. -
2nd September 2009, 09:55 PM
उर्दू के मशहूर शायर मजाज ने अपने आखरी दिनो मे शायरी करनी एकदम
बंद कर दी । अक्सर लोग इस बारे मे उनसे पूछ्ते रहते ।
उनके किसी खास दोस्त ने जब उनसे यही सवाल किया आप इधर नई चीजे क्यो नही लिख रहे है तो मजाज ने उत्तर दिया-"अब तक जो लिखा है,उस पर कौन सा अमल हो रहा है जो और लिखा जाये ?"
ये उनका हस्तलिखित है .
Ajay Nidaan (09630819356)
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Kisi ek chehare ki talash me bhatakti rahee zindagi
par mila nahi zindagi ko apni pahchaan ka chehara.
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