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Originally Posted by ISHK EK IBADAT
उन्हें शिकायत है की हम किसी और से मोहब्बत करते हैं
वो क्या जाने हम उन्हें ही अपने दिल में बसाए रखते हैं
हम कैसे उन्हें सुनाएँ हाल ऐ दिल अपना
वो तो डूबे है शक की गहराईओं में
हमने समझाया उन्हें मोहब्बत का अफसाना
मोहब्बत नाम है विश्वास का नहीं शक का कोई तराना
अगर वो खुश हैं अपने शक के फ़साने पर
'इश्क' को भी मोहब्बत है उनके शक के तराने पर
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ishk saheb
adaab
mohabbat ki sachai yahi hai ki jisse mohabbat ho jaaye uski har cheej se mohabbat hoti hai likhte rahiye
aapka dost
radha charan