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Originally Posted by silent-tears
❤ स्नेह-बंधन ❤
#दूरभाष पर बात करते हुए तुमसे आज फिर #महसूस किया मैंने
#जुकाम से भरे #तुम्हारे स्वर को
दिन भर में जाने कितनी बार कहते रहते हो मुझसे, #ख़याल रखना अपना,
वहाँ #सर्दी बहुत है #सुबह जल्दी उठ कर #एकदम से निकल नहीं जाना
ठंडी हवा में #पाँव नहीं रखना #ठण्डी #ज़मीन पर #जुराबें पहन कर रहना,
#कोमल #जूते पहन लेना #गुनगुनी #धुप में बैठना #शॉल #ओढ़कर
#बादाम और #अंजीर खाना #समय पे #नाश्ता और #गर्म दूध लेना,
#स्कार्फ तो बिल्कुल नहीं भूलना #शाम को #कदापि नहीं जाना #ठंडक में #टहलने को
थोडा #मुटिया जाओगी तो चलेगा😊लेकिन #सह नहीं पाता हूँ
तुम्हारा #बीमार हो जाना।"
💕💕
#बातें #सुनकर तुम्हारी #स्नेहासिक्त #अथाह #परवाह भरी
हो जाती हूँ मैं निहाल
#इतरा जाती हूँ #खुद पर कि मुझे #मिले हो #तुम❤
#प्रायः कहते हो मुझसे कि मैं करती हूँ #बिना #शर्तों वाला #प्रेम तुमसे
तो सुनो, #मेरे-हमदम 😘❤
आज #प्रथम अवसर है जब #बांधना चाहती हूँ #तुम्हें अपनी एक #शर्त में
वो सारा #ख़याल और #परवाह रखती हूँ अपने #सर #माथे 😊
इस #वचन के साथ कि #रखोगे #तुम भी अपना #ख़याल, #मेरे लिए
#बिलकुल वैसे ही, #जैसा #मेरा रखते हो #बिना #चूके, #प्रतिदिन #पल-प्रतिपल,
बोलो रक्खोगे ना?
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pyari si rachna share karne ke liye shukriya