अंधेरे करने लगे है बात -
12th January 2009, 11:17 AM
अंधेरे करने लगे है बात
अब उजालो से
फूलों के साथी हो गये
अब कांटे देखो..
बदल गये है रिश्ते
अब जमीन आसमां के
भंवरो के पिछे तितलियां
अब मंडराते देखो...
सुरज छलने लगा है
अब सागर को
मीनाओ मे मैखानो को
डुबते देखो.........
मंदिरो मे लग गई है भीड
अब आड्म्बरो कि
भक्तो से दू रभगते
भगवन देखो .......
गरीबो की झोपडी मे
रोटी हो न हो
फ़ाईव स्टार होटलो मे
डिनर करते कुत्ते देखो..
शहीदो कि चिताओ पर
पकने लगि है राजनिति
गिरगिट कि तरह रंग बदलते
हमारे राजनेता देखो.......
अबला की अस्मत
हर चौक चोराहे पे लूट रही है
देश मे औरतो की सरकार
फिर भी ये हाल देखो.....
आतंकी बे-ईमान लूटेरो को
कैसे सजा हो
उनकी हिमायत लडने को
लोगो की कतार देखो.......
करोडो रूपये लग गये
गंग जमुना की शुद्धाई मे
बद से बदत्तर होते
इन्का जरा हाल देखो............
गरीब कमजोर असहायो को
मुकदमो मे फ़सांया जाताहै
पुलिस प्रशासन का सरे-आम
मायाजाल देखो..........
और कुछ देखो ना देखो
मेरे यार बस तुम
क्या चल रहा है हिन्दुस्तान मे
आंख खोल एक बार जरूर देखो.......
Last edited by sumanakshar; 12th January 2009 at 11:21 AM..
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