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Originally Posted by Chaand
भगवान् अभी सो रहा है...जो कुछ भी करना चाहो, कर लो
बेशुमार लोग हैं किस-किस को देखेगा वो,
इंसानियत छोडो..कत्लेआम कर लो
में तुम्हारी माँ को गाली दूं
तुम मेरी बेहेन का दामन चाक कर लो
हर तरफ अँधेरा है पाप का
तुम भी मैली सी गंगा में हाथ कर लो
ये बिना नियमो का ट्रैफिक है
यहां दादागिरी की गाडी चलती है,
ऊपर वाले का सिस्टम हेंग हो गया है
जितनी चाहो मनमानी कर लो,
हथियार बनाओ
दुनिया को डराओ
मंदिरों मस्जिदों में नफ़रतें भरदो
खेतो को जलाओ
पेटों को लहूलुहान कर दो,
मौका है अभी सब तरफ धोखा है अभी
इससे पहले शिव अपना तीसरा नेत्र खोले
तुम इस धरती को शमशान करदो
दिखादो उस भगवान् को
के तुम भी विनाश कर सकते हो
जनक न सही तो न सही
विनाशक तो बन सकते हो,
अभी भगवान् सो रहा है।
- चाँद
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दिखादो उस भगवान् को
के तुम भी विनाश कर सकते हो
जनक न सही तो न सही
विनाशक तो बन सकते हो,
अभी भगवान् सो रहा है।
Apne insaan hone par sharm aati hai Chaand Bhai. Insaan ka jaagna zaroori hai phir chaahe bhagwaan sota rahe.
Dil ko hilaa gaye aapke shabd.
Praveen