ज़िन्दगी में कई मोड़ आये -
11th January 2019, 07:15 PM
नमस्कार l एक पुरानी ग़ज़ल सुन रहा था .......”.आज सोचा तो आंसू भर आये ...मुद्दतें हो गई मुस्कराए” l इसी ग़ज़ल को ध्यान में रखते हुए कुछ लिखने की कोशिश की है ...उम्मीद करता हूँ यह ग़ज़ल आपको पसंद आएगी l
ज़िन्दगी में कई मोड़ आये
चलते चलते जब लड़खड़ाये l
इतनी आसान नहीं ज़िंदगी ये
आते आते ही तो चैन आये l
बेकदर हो के रहने से है अच्छा
ऐसे में हम उन्हें भूल जांये l
ज़िन्दगी से यही सीखा हमने
होते अपने नहीं जो हैं पराये l
सुबह आती है “यश” रंगों को लेकर
रात होते ही नजर नहीं आये l
(Baghbaan)
(जसपाल)
|