काश तू होती किताब सी….
काश तू होती किताब सी…. ऐ ज़िन्दगी
जब जी चाहे तुझे बंद कर... सुकून से सो लेती…. काश तू होती किताब सी…. ऐ ज़िन्दगी जब जी चाहे पन्ने पलटकर फिर से जी लेती…. काश तू होती किताब सी…. ऐ ज़िन्दगी कभी रंग-बिरंगी कभी बेरंग पर… सरल-सीधे पन्नो में सिमटी होती … काश तू होती किताब सी…. ऐ ज़िन्दगी… तुझमें एक गुलाब का फूल छुपाये.. तुझे हमेशा महकाये रखती…. |
Nice...nicely thought and expressed.....
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वाह वाह ……………………………………………………………………………………………… बहुत ख़ूब
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Shukriya .... pasand aane ke liye..... Keep smiling
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