Forum: Shayri-e-Ishq
7th April 2016, 07:47 PM
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ना ज़िन्दगी से गिला है ना मौत से डर है
ना ज़िन्दगी से गिला है ना मौत से डर है
मंज़िल है गुमशुदा बस सफ़र ही सफ़र है
बेपरवाह रास्तो पर ना कोई हमसफ़र है
होने वाली शाम है और दूर अपना घर है
थक चुके है कदम पर धड़कनो में सबर है
रुकना नहीं हार...
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Forum: Shayri-e-Ishq
11th March 2016, 06:46 PM
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Forum: Shayri-e-Ishq
11th March 2016, 04:31 PM
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तुम जैसी हो..वैसी रहने दो..
शाम के उन लम्हों जैसी हो तुम
जिन्हे सुबाह का खयाल ना हो..
रात की फ़िक्र ना हो..
जो बादलों को अपने धागों से बांधकर रक्खे
बरसात की बाते करे
और कभी बरस भी न पाये..
तुम खुशबुओं के सायों में कही...
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Forum: Shayri-e-Dard
11th March 2016, 04:24 PM
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Forum: Shayri-e-Dard
11th March 2016, 12:40 PM
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तुजे अक्सर जब तन्हाई में सोचता हूँ..
Hello Everyone I am hereby posting my first write up as I am a new memeber. Please reply me with your reviews. Thanks.
तुजे अक्सर जब तन्हाई में सोचता हूँ..
ये पलकें मेरी भर आती है।
जब बसर हो...
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