Forum: Aapki Shayri
4th December 2012, 07:33 PM
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Forum: Shayri-e-Ishq
19th November 2012, 07:38 PM
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Ghazal: तुम मिलि मन्जिल मिला..
तुम मिलि मन्जिल मिला, खुदा से क्या शिकायत करूँ !
मेरे सारी दुनियाँ तुम हो, तुम्हारे ही इबादत करूँ !!
तुम ही मेरी चाहत मे हो, तुम ही मेरी आदत बन गई,
ईस्क-ए-जान हो तुम तुम्हि से ही शरारत करूँ !
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Forum: Aapki Shayri
19th November 2012, 07:18 PM
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Ghazal : tum mili manjil mila ..
तुम मिलि मन्जिल मिला, खुदा से क्या शिकायत करूँ !
मेरे सारी दुनियाँ तुम हो, तुम्हारे ही इबादत करूँ !!
तुम ही मेरी चाहत मे हो, तुम ही मेरी आदत बन गई,
ईस्क-ए-जान हो तुम तुम्हि से ही शरारत करूँ !
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