आज फिर उसका लिखा ख़त नज़र आया -
5th April 2010, 04:39 PM
आज फिर उसका लिखा ख़त नज़र आया
पढ़ते पढ़ते दिल फिर भर आया
बस यही सोचता रहा की आखिर क्यों
मौत को मेरा ही घर नज़र आया ...
आज उसकी लिखी वोह बातें फिर याद आई
आज फिर वोह पंक्तियाँ मैंने गुण गुनाइ
बस यही सोचता रहा की आखिर क्यों
हो गयी यह जुदाई ....
आज फिर उसकी यादों मे खो गया
जी भर कर रो गया
बस येही सोचता रहा की आखिर क्यों
मे तनहा हो गया ......
वजह जो भी हो आज बरसो बाद
मुझे अपने जिन्दा होने का एहसास हुआ
|