4th December 2011, 10:22 PM
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Originally Posted by mast
Doston,
Ek khayaal jo bas dil mein hai aapke aage rakh raha hoon...
क्यूँ हूँ और अब क्या हूँ मैं
दिल की एक सदा हूँ मैं
कभी हूँ मैं दास्ताँ-ए-मोहब्बत
कभी रंजिशों की वजह हूँ मैं
जो मिल के है बिछड़ी न फिर से मिली जो
ऐसी ही मंजिलों का पता हूँ मैं
खबर तो है मशहूर तेरे शहर में
की अरसों से खुद से जुदा हूँ मैं
दफन हूँ कही मैं सन्नाटे जैसा
कहीं राख से उठता धुँआ हूँ मैं
क्यूँ हूँ और अब क्या हूँ मैं
क्या कहूँ बस बेवजाह हूँ मैं
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bahut sundar ... dil se daad ...... radhe radhe ...................
Aapka Apna Ishk
'इश्क' के बदले इश्क चाहना तिजारत है
इज़हार किससे करें महबूब तो दिल में है
email: rkm179@gmail.com
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