Nazro se bat hoti hai -
8th October 2016, 10:20 PM
लफ्जो को पहलु में रखके नजरो से बात होती है
हमारी जब भी तुमसे मुलाकात होती है
कविता ग़ज़ल गीत फीके से पड़ जाते है
और हमारी गुफ़्तगू विख्यात होती है
जुल्फ चेहरे पे आती है और चेहरा निखर जाता है
ये तो बस तुम्हारे शर्माने की शुरुआत होती है
अधर से जब फूटती है प्रेम की व्याकरण
हमारे ह्रदय में खुशियों की बरसात होती है
सौन्दर्य का वास्तविक उदाहरण हो तुम
तुम्हारे प्रकाश के बिन हमारी दुनिया में अँधेरी रात होती है
रहमत है ख़ुदा की ब्रज पर जो तुम मिले हो
हर पल तुम्हारे साथ एक नयी सौगात होती है[/b][/font]
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