मशहूर शायर निदा फाजली का देहांत
निदा फाजली
उर्दू के मशहूर शायर निदा फाजली का 78 साल की उम्र में हार्ट-अटैक से निधन हो गया. 12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली में जन्में फाजली का पूरा नाम मुक्तदा हसन निजा फाजली था. उन्होंने मुंबई में दिन के 11:30 बजे आखिरी सांस ली.
इनका बचपन और युवावस्था ग्वालियर में गुजरी जहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. 1957 में ग्वालियर कॉलेज से ग्रेजुएट हुए फाजली ने छोटी उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था.
निदा फाजली इनका लेखन का नाम था. निदा का अर्थ है, आवाज जबकि फाजली कश्मीर का वो इलाका, जहां से आकर इनके पुरखे दिल्ली में बस गए थे.
अब खुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
हर बेचेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वाला
उसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
दूर के चांद को ढूंढ़ो न किसी आँचल में
ये उजाला नहीं आंगन में समाने वाला
इक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर में जाने वाला