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Aash
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Posts: 18
Join Date: Mar 2013
Rep Power: 0
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तुम कितनी खुबसूरत हो ... -
28th May 2016, 06:57 PM
अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
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Moderator
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Posts: 5,211
Join Date: Jul 2014
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28th May 2016, 07:00 PM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
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Behad khoob...........................
अर्ज मेरी एे खुदा क्या सुन सकेगा तू कभी
आसमां को बस इसी इक आस में तकते रहे
madhu..
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Registered User
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Posts: 387
Join Date: Feb 2016
Location: Mumbai
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24th June 2016, 11:24 PM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
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Aazaad nazm mai kaafi mahaarat rakhtey hai
Solanki sahab bohat umda kalaam hai ye
Kabhi koi ghazal bhi inaayat karey hamey
Likhne ke silsiley ko jaari rakhey
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Moderator
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Posts: 5,211
Join Date: Jul 2014
Rep Power: 28
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25th October 2016, 07:09 AM
janm din ki dheron shubhkamnayein...solankialpesh ji...
Ishwar aapko dher sari khushiya dein..har murad poori karei
Salamat rahein...
Likhte rahein
Khysh rahein.
अर्ज मेरी एे खुदा क्या सुन सकेगा तू कभी
आसमां को बस इसी इक आस में तकते रहे
madhu..
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~$uper M0der@tor~
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Posts: 8,417
Join Date: Feb 2006
Rep Power: 61
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1st November 2016, 10:15 AM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
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bahot haseen ghazal pesh ki hai aapne.................... likhte rahiye
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Moderator
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Posts: 15,199
Join Date: May 2006
Location: Chandigarh (Mohali)
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2nd November 2016, 04:15 PM
Quote:
Originally Posted by solankialpesh
अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...
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wahhhhh bahut hi haseen ehsaas, khoobsurat alfaaz...accha lga padna
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...
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